Monday, June 27, 2022

यशवंत सिन्हा की विचारधारा

 भगवान जाने राहुल गांधी का वो कौन दुश्मन है जो उनके बयान लिखता है।

राहुल गांधी का कहना है कि राष्ट्रपति का चुनाव दो व्यक्तियों का नहीं दो विचारधाराओं की लडा़ई है
a- अब जरा यशवंत सिन्हा की विचार धारा जान लीजिए
1 इन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत बीजेपी से की। लंबे समय तक बीजेपी में रहे केंद्रीय मंत्री बने। और भी कुछ बनना चाहते थे पर दाल नहीं गली।
2उन्होंने छह राजनीतिक दल बदले हैं जो अलग अलग विचारधाराओं के रहे हैं। इस समय वह तृणमूल कांग्रेस के सदस्य है और कांग्रेस उनका समर्थन कर रही है। लेकिन तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस में आपस में विचारधारा तो दूर छत्तीस का रिश्ता है।
3- बीजेपी में रहते हुए शायद ही किसी नेता ने गांधी परिवार के बारे में इतनी कड़ी टिप्पणी की हो जितनी यशवंत सिन्हा ने। लेकिन राहुल गांधी को शायद विचारधारा की ऐसी जानकारी नहीं दी गई।
4 कौन सी विचारधारा । वह उच्च प्रशासनिक सेवा में रहे। संभ्रांत उच्च बिरादरी में अभिजात्य किस्म के राजनेता रहे। आम लोगों से उनका कोई जनसंपर्क नहीं रहा। न वे किसी से मिलते थे न कोई उनसे मिलने जाता था। कहां की विचारधारा
बी -
1- ठीक इसके विपरीत द्रौपदी मुर्मू ने ेक बार बीजेपी को अपनाया तो उसी दल से जुड़़ी रहीं। पाषर्द का उनका सफर राष्ट्रपति भवन तक पहुंच रहा है।
2- वे वास्तव मे जन नेता रही है। आदिवासियों के बीच उनके लिए उन्होंने बहुत संघर्ष किया है। सच तो ये है दि कमजोर जातियों आदिवासियों के लिए काम करना उनकी विचारधारा ही जीवन का अंग रहा है।
3- मुर्मू के स्वभाव लोगों से मिलने जुलने की प्रवृति लोगों की मदद करने की प्रवृति का उनके विरोधी दल भी कायल रहे हैं। उनकी छवि जननेता की रही है। उनके जीवन में सादगी रही है।
4- यशवंत का सियासी जीवन तरह तरह की बयानबाजी में बीता है। लेकिन द्रौपदी मुर्मू औडिशा झारखड जहां भी रहीं है उन्हें केवल लोगों के हित के लिए काम करते हुए देखा गया है। जबकि वह पढी लिखी महिला है। बहुत संघर्ष से उन्होंने अपना अध्ययन किया है। वह हिंदी अंग्रेजी ओड़िसी सहित पांच भाषाएं जानती हैं।

Saturday, May 21, 2022

 प्यारे पवन दीप इन दिनों आपको टीवी में अलग अलग भाव भंगिमाओं के साथ देख रहा हूं। आप आदरणीय कबोतरी देवी के नाती हो। कबोतरी देवी का अर्थ है सुर साधना। उनके तप साधना का प्रताप था कि उस परिवार में आप जन्में। आपने संगीत को बहुत गंभीरता से लिया। साजों पर निपुणता पाई। और गायन शैली के मापंदंडों को समझा। तुम पर देश नाज करता है।

पर अब कुछ डर सा लग रहा है। टीवी के बहुत ही नाटकीय किस्म के कार्यक्रमों में आप समय दे रहे हैं। वहां की सेलिब्रिटी आप जरूर हो गए हैं पर ये आपका रास्ता नहीं। आपको तो एसडी बर्मन मदन मोहन रफी और आर रहमान होना है। गजब विलक्षण प्रतिभा है आपमें। टीवी के इन नाटकीय कार्यक्रमों में अपने को भटका मत देना। तुमने एक प्यारे से बंगाल के बच्चों को कहा इसमें मिट्टी की आवाज है। सच एसडी बर्मन के गीतों को और भटियाली बाउल संगीत पर जिस तरह गाता है वो अद्भुत है। आपने उसे मांजा भी है और उससे एकतारा भी सीखा। मेरी भावनाएं तुम दोनों के लिए हैं। तुम दोनों मिट्टी के हो मिट्टी की खूबसूरती को समझना। आज के दौर में टिके रहने के लिए अपने को बनाए रखने के लिए कुछ मजबूरियां भी होती है। इसे समझते हैं। पर फिर भी तुम अदुभुत हो। ढर्रे: को तोड़ना भी तो आपके लिए ही संभव हैं। प्रिय पवन पवन के लहराते झोंकों की तरह चलना। आंधी में बिखर मत जाना ।